देखो, तुम्हारे चेहरे की मुस्कुराहट जो कुछ देखते ही बनती है, इतने वक्त से तुम्हें देख रही हूं लेकिन पता नहीं तुम्हारे चेहरे की हंसी कहां गुम हो गई थी तुम ना जाने सबसे कब दूर हो गई थी,
आज बरसों बाद तुमने मुझे अपने हाथों में लगाया तुम नहीं जानती आज मैं कितना खुश हूं और मुझसे ज्यादा तुम खुश हो, क्यों मुझसे इतनी दूरी बना ली थी क्या तुम्हें मेरी याद नहीं आई,
याद है याद है तुम्हें वह दिन जब पहली बार तुम्हें मैंने मुझे अपने हाथों में रचाते हुए बहुत खुश देखा था, हां मैं तुम्हारी शादी की बात कर रही हूं तुम बड़े अरमानों से मुझे अपने हाथों में रचा रही थी और अपना प्यारा सा गीत गुनगुना रही थी तुम्हारे चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी, मुझे तो अभी भी याद है तुम धैर्य खोए हुए उसका इंतजार कर रही थी, और कहीं उस सुंदर से ताने-बाने के बीच में तुमने उसका नाम भी अपने हाथ पर लिखा था बड़े अरमानों के साथ, काफी दिनों तक मुझे अपने हाथों में शीश के रखा था, मैंने तो शायद तुम्हारे जीवन के उन पलों को भी देखा है जो शायद ही किसी ने देखा हो तुम्हें बड़े करीब से जाना भी है, वह भी देखा है जो देख कर मुझे भी काफी तकलीफ हुई थी, बड़े उत्साह के साथ तुमने मुझे फिर से करवा चौथ के दिन लगाया था अपना बहुत वक्त मेरे साथ बिताया था अपने चांद के इंतजार में पूरी रात मुझसे बातों में बताई थी और झर झर आंसू के साथ अगले 2 दिन तक रोती रही थी क्योंकि जिसके लिए तो मैं करवा चौथ रखा था वह तो कहीं और व्यस्त था और उसे तुम्हारा एहसास तक नहीं था।
मुझे याद है अपनी गोदी में अपनी नानी जान को लेकर तुम कितनी खुश थी और घर में कितना खुशी का माहौल था मगर जो होना होता है वही होता है बीच मझधार में छोड़ कर वह कहीं चला गया था आखरी बार था जब मैं तुमसे मिली थी और तुम्हारी आंखों के आंसू की धारा रुक नहीं रही थी तुम अपने हाथों से जिनको कि मैंने अपने रंगों से सजाया था कभी अपने आंसुओं को कभी उस नानी के आंसुओं को साफ करने में व्यस्त थी तुम्हारे बाल अस्त व्यस्त थे आंखें सूजी हुई, और कुछ खा भी नहीं थी तो बस उस नन्ही सी जान के लिए।
तब से आज तक तुम्हें मैं देखती आई हूं कई बार ऐसा हुआ है कि तुम मेरा घोल बनाकर बैठ जाती हो और फिर वही आशु धारा फिर से बहती रहती है तुम्हारे आंसुओं की बूंदों ने यहां तक कि मेरे गम को भी फीका कर डाला, अब तो मुझे भी अफसोस होता है खुदा ने मुझे क्यों बनाया, मैं हूं तभी तो तुम इतना रोती हो और अपनी किस्मत पर अफसोस करती हो, मगर आज मैं खुश हूं, आखिरकार बरसों बाद तुम्हारे चेहरे पर फिर वही खुशी देख रही हूं हां मुझे पता है तुम क्यों खुश हो, तुम्हें कोई मिल गया है जो तुम्हें बहुत चाहता है जानती हूं जो हो गया उसे भूलना मुश्किल है लेकिन आगे पढ़ने के लिए कुछ पीछे छोड़ना पड़ता है, खुश हूं तुम मुझसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ रही हो, खुश हूं तुम्हें किसी की बेपनाह मोहब्बत मिल रही है, खुश हूं मैं तुम्हारे हाथों में फिर से रख रही हूं, खुश हूं मैं तुम्हारे चेहरे पर फिर से वही मोहब्बत देख रही हूं।।
देव
14 may 2020