सब्र अब बचा कहा है

सब्र अब बचा कहा है,
ना वक़्त है ज्यादा अब,
फुरसत तो, है बहुत,
मगर तलबगार है कम,

रुखसत हो गई है मोहब्बत,
यारियां, कही छूट सी गई,
महफ़िल में शराब तो है बहुत,
जाम की आवाजे, गुम हो गई,

वादे, कहीं गुम हो गए,
बातें, हजार बाकी है अब,
कहना तो बहुत कुछ है,
सुनने के शौकीन, कम है अब।।

देव

14 may 2020

Leave a Reply