
अब तो चेहरा उनका,
ईद का चांद हो गया है,
मुलाक़ात उनसे होना,
त्योहार हो गया है,
कुछ खता हमारी,
कुछ बेरुखी तुम्हारी,
कहीं इश्क़ झुलस गया है,
कहीं ऐतबार हिल गया है,
बेशक है कीमती,
ये तेरी मेरी यारी,
जब भी मिले है हम,
वो दिन ईद बन गया है।।
देव
अब तो चेहरा उनका,
ईद का चांद हो गया है,
मुलाक़ात उनसे होना,
त्योहार हो गया है,
कुछ खता हमारी,
कुछ बेरुखी तुम्हारी,
कहीं इश्क़ झुलस गया है,
कहीं ऐतबार हिल गया है,
बेशक है कीमती,
ये तेरी मेरी यारी,
जब भी मिले है हम,
वो दिन ईद बन गया है।।
देव