ना इश्क़ बचा, बा दर्द रहा,
बेपरवाह सा, वो घूम रहा।
ना रुसवाई, ना तन्हाई,
ना उसको कोई, शिकवा ही रहा।
ना मीत मिला, ना मंजिल मिली,
राहों से उसे, मोहब्बत हुई।
ना फिक्र उसे, ना जिक्र कभी,
ना प्यार रहा, ना नफ़रत सी हुई।
मैंने पलट कर, देखा है उसे अभी,
जीने की तमन्ना, उसे फिर जाग उठी।।
देव
10 june 2020