देव, किसके लिए लिखते हो

लोग पूछते है, अक्सर,
देव, किसके लिए लिखते हो,
किससे मोहब्बत इतनी करते हो,
किसने दर्द इतना दिया,
किस्से शिकायत इतनी है,
कि पल में, पन्ने भरते हो,

मैं तो बस खुश हूं,
अपने से मोहब्बत करता हूं,
सुकून मिलता है, मुझे लिखने से
खुद के लिए लिखता हू

कभी अपने, कभी अपनों के,
अफसाने बयां करता हूं
जो मुझे चाहते है,
उनके लिए लिखता हू,

इश्क़ तो कभी भी ही सकता है,
हां, मैं भी प्यार करता हूं,
मेरे प्यार के बदले में,
जो चाहते है मुझे,
और जो मोहब्बत नहीं पाते मुझे,
उनके लिए भी लिखता हूं,

सबसे करीब, तो यार होते है,
जब कोई नहीं होता,
वही तो पास होते है,
उदासी को हसीं, हसीं को
ठह ठहा बनाते है,
हां, यूं यारो के यार
उनके प्यार के लिए भी लिखता हूं।

देव

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