ये पूरा जमाना खाली है

एक आस, बड़ी जालिम होती है,
कभी अपनी, कहां ये होती है,
बस, और पर लगाए रहते है,
और उन्हें अपना कहते है,
कुछ रिश्ते होते है,
जो हमेशा दर्द ही देते है,
कुछ लम्हे होते है,
जो अक्सर, मायूसी देते है,
बेकार ही, बैठें रहते है,
इंतेज़ार भी उनका करते है,
जो महफ़िल में भी होकर अपने,
नज़रे फिराए रहते है,
खाली जाम मिला मुझको,
मयखाना भी खाली है,
कैसे ढूंढे किसको ढूंढे,
ये पूरा जमाना खाली है,

देव

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