कभी रातें भी, इतनी स्याह होंगी,
सोचा ना था,
अक्स भी साथ ना छोड़ जाएगा।
तब भी होगा, तो बस यार साथ,
पकड़ कर हाथ,
तुझे सुबह तक ले जाएगा।
जरा, सम्हाल कर चल ए जिंदगी,
यार छूट गए जो पीछे,
कुछ ना बाकी, रह जाएगा।
देव
कभी रातें भी, इतनी स्याह होंगी,
सोचा ना था,
अक्स भी साथ ना छोड़ जाएगा।
तब भी होगा, तो बस यार साथ,
पकड़ कर हाथ,
तुझे सुबह तक ले जाएगा।
जरा, सम्हाल कर चल ए जिंदगी,
यार छूट गए जो पीछे,
कुछ ना बाकी, रह जाएगा।
देव