ये आबरू है मेरी, कब तुम्हे नीलाम हुई

जरा सा बात हुई, आंखे चार हुई,
जरा सा मुस्कुराने में, मोहब्बत बदनाम हुई।

हाल ही तो पूछा था, यू ही दो पल को
जरा सा छू क्या लिया, नींद उनकी बर्बाद हुई।

इंसा मैं भी हूं, थोड़ा जीना देदो मुझे,
मेरी बिंदासी पर, क्यूं सवालों की बौछार हुई।

बेसबर वो है, और कहते है बे अदब मुझे,
ये आबरू है मेरी, कब तुम्हे नीलाम हुई।।

देव

26 जून 2020

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