कुछ मुरझाते से चेहरों को,
हंसाने का, इंतजाम कर लो,
जब भी वक़्त मिल जाए,
किसी से दो बातें कर लो,
कहा फिक्र रहती है, कौन
पूछता है हाल ए दिल यहां,
कुछ यार, गर मिले भी है,
उन्हें, चंद किस्से कह दो,
बरसात का मौसम है, और
तन्हा दिल है काफी यहां,
वो खुशियों की, छतरी है गर,
यारो के भी, हिस्से कर दो।।
देव
16 july 2020