ये इश्क़ है, या दीवानगी,
पूछा खुद से, एक बारगी,
उसका होना है मुझको, या
जिद है क्या उसे पाने की,
मोहब्बत भी है, यारी भी,
कभी लगती बेगानी सी,
कभी मुंह मोड़ लेता हूं,
कभी फिर बोल देता हूं,
कभी चुप सी वो रहती है,
कभी बहुत कुछ वो कहती है,
बिछड़ कर यार, मिलते है,
दिल का हाल, भी कहते है,
मगर, वक़्त वही, रुका सा है,
ये किस्सा अब तक, अधूरा है।।
देव
14 जुलाई 2020