सजा से रखा है मैने, अपना वो फसाना

तेरी जुल्फों के साएं पे, कुछ पल का सुस्ताना,
सजा से रखा है मैने, अपना वो फसाना।

तेरी सांसों की गर्मी का, मेरी सांसों से टकराना,
सिमट कर पल में तेरा, मेरी बाहों में सामना।

अक्स अपना देखना, तेरा यूं पुतलियों में मेरी,
पलक को बंद कर मुझको, नजरो में बसा जाना।

हवा का तुझको छूकर, यूं महक जाना,
चुरा खुशबू, तेरी पल में, मुझ तक खीच कर लाना।

तेरी जुल्फों के साएं पे, कुछ पल का सुस्ताना,
सजा से रखा है मैने, अपना वो फसाना।

देव

20 july 2020

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