राह ना भटको

राह ना भटको, फिर से देखो,
क्या ये जरूरी है,
क्यूं छोड़ चले, पल में सबको,
कैसी ये मजबूरी है।

धरम हमारा, फक्र हमारा,
फिर, क्यूं यूं तुम, मुंह मोड़ चले,
प्यार यहां क्या, कम पड़ गया,
जो पल में, सब यूं छोड़ चले।

जन्म दिया, जिस मां ने तुमको,
जिस पिता ने, सुख था वार दिया,
एक अनजान के खातिर क्यूं तुम,
उन्हें बिलखते, छोड़ चले।

सखियां, जिन संग बचपन बीता,
अंगना जिसमे बचपन बीता,
भाई बहन के रिश्ता भूले,
बीच मंझधार में, छोड़ चले।

जरा तो बैठो, सोचो समझो,
है मुश्किल तो, मशवरा कर लो,
खेल नहीं ये, है जीवन ये,
अपनों के संग, खुश हो, जी लो तुम।।

देव

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