यूं तो कहते है, रीत को कुरीत ना करो,
जो है, उसे वैसे ही करते रहो,
मगर, यू ही क्यूं हम बदलाव की बात करते है,
क्यूं नहीं हम कुछ नया शुरू करते है,
क्यूं बस बहनों को ही, सुरक्षा की
जरूरत होती है भाई से,
क्यूं नहीं, भाई कमजोर हो सकते है,
क्यूं लाचार बस औरत को समझते है,
क्यूं नहीं उसकी, शक्ति पर, यकीं करते है
क्यूं जिसे पूजते है, वही प्रार्थना करती है,
क्यूं दुर्गा, काली को, रक्षा की जरूरत पड़ती है,
इसीलिए, कुछ बदलाव चाहिए, सो किया,
राखी का त्योहार, कुछ अलग ढंग से किया,
इस बार, क्यूं ना बहन के राखी बांधी जाए,
क्यूं ना, उपहार में, ढेर सारा आशीर्वाद लिया जाए,
क्यूं ना समाज को एक नई दिशा दी जाए,
क्यूं ना, एक नए युग का, सूत्रधार बना जाए।।
देव
03 August 2020