हिम्मत है तो आकर मुझे तुम बोलो,

हिम्मत है तो आकर मुझे तुम बोलो,
मोहब्बत है तुमसे, या कुछ ना कहो,
बस चले जाओ, पता है, पता है,
अकेली हूं मैं, मगर इतनी भी तन्हा नहीं,
कि यूं ही अपना जमीर,
तश्तरी में परोस डालूं,
जिसे मुझसे मोहब्बत नहीं,
उसे अपना सब कुछ दे डालूं,

माना, बिकाऊ है मोहब्बत
इस ज़माने में, जिसे देखो,
दिल से पहले, रईसी ढूंढ रही है,
और अमीर हो तुम, खरीद सकते हो,
सब कुछ, सब कुछ अपने पैसों से,
मगर, अभी भी मेरी मोहब्बत,
बिकाऊ नहीं है,

माना, खुदगर्ज हूं, मैं तुम्हे,
चाहती हूं, और चाहती भी हु तुम्हारी,
होना, मगर तुम्हे भी अपना बनाना,
है जुनून मेरा, यूं ही नहीं, बस
अपना दिल तुम्हे देना चाहती हूंँ,
बदले में, तुम्हारा अमीर दिल,
लेना चाहती हूं, जिससे तुम,
बेइंतेहा प्यार लूटा सको,
मुझे अपना बना सको,
मुझे अपना सको।।

देव

29/09/2020, 7:50 pm

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