अंश हमारा!

महीनों रखा इस कोख में तुझे,
सालो लाडो लाड़ लड़ाया,
कांधे से जब कांधा मिला,
यूं पल में विदा हो व जाये।

अंश हमारा, सबका प्यारा,
घर को किया, तूने उजियारा,
अब हो रही विदा, तू आज यूं हम से,
रोशन करेगी, घर जो था पराया।

कैसी है ये रीत, सदा से,
जो है तेरा, तुझे छीना,
अनजान था तो आंगन अब तक,
उसकी अब तू रानी बनना।।

वक्त है आया, तुझको जाना,
दिल है तरसे, नैना झर झर बरसे,
खुश तू रहे सदा, दुआ है सबकी,
तू ना कभी, प्यार को तरसे।।

देव

09/12/2020, 2:59 pm

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