हे माँ, थोड़ा ध्यान दे दे,
ज्ञान का मुझे, वरदान दे दे।
श्वेत हार, श्वेत वस्त्र,
श्वेत तेरा पद्मासन,
वीना है सजाए हाथ में,
वेदों को कर के धारण,
मुझको गीता, वेद का,
सार दे दे,
हे माँ…
भटक रहा हूंँ, जीवन के,
अंतराल में,
कब से खड़ा हूंँ, मैं तेरे,
इंतजार में,
अपना थोड़ा सा अंश,
मेरे नाम कर दे,
हे माँ…..
ना धन, ना माया,
ना काया की जिज्ञासा,
करना है कल्याण सबका,
बस यही है अभिलाषा,
मुझे ज्ञान का भंडार और
थोड़ा नाम दे दे,
हे माँ, थोड़ा ध्यान दे दे,
ज्ञान का मुझे, वरदान दे दे।
देव
17/02/2021, 9:22 am