इजहार

तू फ़िक्र ना कर,
मै वहीं हूं
जो मिला था तुझे कभी
मै मौसम नहीं
जो बदल जाऊ

जो हूं वही
बयां करता हूं
जमाने की नज़रों से
नहीं डरता हू

पर तू कहीं
बदनाम ना हो जाए
इसीलिए छुप छुप के
मिलता हूं

ये दिल बड़ा
नाजुक है मेरा
तोड़ा गया है
कई बार इसे

इसीलिए तुझे पसंद
तो बहुत करता हूं
पर फिर मोहब्बत ना हो जाए
बस इसी बात से डरता हूं
बस इसी बात से डरता हूं

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