राह हमे दिखता
हर रूप में तू आता
मैं भुला जो अपनी राह
तेरा हाथ जरा बड जाता
तू शाम की लालिमा
तू सुबह का उजाला
तू रात की चांदनी
तू दिन में मेरा साया
तू शक्ति के हाथो में
बैठा है शिवरूपा
तू वस्त्र भी है मेरा
तू वज्र भी है मेरा
राह हमे दिखता
हर रूप में तू आता
मैं भुला जो अपनी राह
तेरा हाथ जरा बड जाता
तू शाम की लालिमा
तू सुबह का उजाला
तू रात की चांदनी
तू दिन में मेरा साया
तू शक्ति के हाथो में
बैठा है शिवरूपा
तू वस्त्र भी है मेरा
तू वज्र भी है मेरा
Nice one….