भारत की औलाद है वो
जो वतन पर मिट गया
एक और देश का लाल
आज शहीद हो गया
चला मिटाने था आतंक
बचाने लहू हमारा
छोड़ सिंदूर अधूरा
घर पर वो नन्ही बाला
बांधे कफ़न वो सर पर
वो शेर बन गया
एक और देश का लाल
आज शहीद हो गया
न्योछावर वो कुंवर
भंवर ले जां हथेली पर
छोटी सी है उमर
ना देखी जवानी पल भर
इस धरती मां के क़दमों में
कुर्बान हो गया
एक और देश का लाल
आज शहीद हो गया