उनका इंतेज़ार भी है, खुद पे इख्तियार भी है
नज़रे इनायत होगी उनकी, ऐतबार भी है
बस, वक़्त ही है, जो साथ नहीं दे रहा
कुछ हम मगशुल है, कुछ वो महशूल है
देव
उनका इंतेज़ार भी है, खुद पे इख्तियार भी है
नज़रे इनायत होगी उनकी, ऐतबार भी है
बस, वक़्त ही है, जो साथ नहीं दे रहा
कुछ हम मगशुल है, कुछ वो महशूल है
देव