This one is for Upasana, my fri nd my sister, today is Rohit’s birthday and asked her to celebrate as he would also be happy in another world seeing her happy.
Can’t stop myself from stating down conversation if Rohit visits her for 5 min…
खट खट खट
दरवाजे पे एक दस्तक हुई
कौन होगा, इस वक़्त,
अब यहां कोई नहीं आता,
जाने कोई रास्ता भटक गया,
या किसी और कि जगह
मेरे दरवाजे आ गया।
खोला, सामने वो था,
जो कभी छोड़ कर मुझे
अधूरे जिंदगी रास्तों में
गुम हो गया था।
पर मुस्कुरा रहा था
बोला, क्यूं,
इतनी क्या नाराज हो,
अंदर नहीं बुलाओगी,
जब तक मै था,
खुश होकर मनाती थी
मेरे हर दिन को
दीवाली बताती थी
अब नहीं हूं, बस सामने
तो क्या उदास हो जाओगी
क्यूं, अब दीवाली नहीं बनाओगी
या, दिल से भी जुदा कर दिया
नहीं, मैंने बोला,
तुम आज भी इस दिल में
बसते हो
माना, कभी यादों में अपनी रुलाते हो
और उन्हीं यादों से हसाते हो
पर, में भटक गई थी
तेरी रूह, अब भी है यह
भूल गई थी
इसीलिए, अब मैं ना इक पल रोऊंगी
मेरे जीने तेरी ख़ुशी है
हर पल बिंदास जीऊंगी
और पता था, आज तुम जरूर आओगे
अपना जन्मदिन कैसे भूल जाओगे
इसीलिए, आज भी घर सजा रखा है
तेरे लिए , केक मंगा रखा है
तुम बिल्कुल नहीं बदली, वो बोला
तुम बिल्कुल नहीं बदली
अभी भी हो जरा पगली
तेरी ख़ुशी ही मेरी खुशी
पर में रूह हूं, तू अभी भी स्त्री है
अकेले जीना, है मुश्किल बड़ा
ना संकोच कर, कोई है यहां
जो होगा तेरे इंतजार में खड़ा
जा, फिर से जी ले जिंदगी
अभी बाकी है काफी उम्र बची
अभी बाकी है काफी उम्र बची
देव