गौर से देखो, इस भीड़ में भी लोग ही है
जरा सा टटोलो, अरमान भरे दिल, यहा भी होंगे।
कुछ करीब होंगे,
कुछ अनजान होंगे
कुछ दूर तलक, राह के मुसाफिर होंगे
कुछ बेसब्र होंगे
कुछ बेकार होंगे
पर, दुंडोंगे तो पाओगी
कुछ तुम्हारी परछाई होंगे
आखिर, भीड़ भी तो हमने ही बनाई है
सब्र करो,
हमदर्द भी होंगे,
हमदम भी होंगे,
इश्क़ लूटने को तैयार, आशिक भी होंगे।।
देव