यू तो तेरी गली में
फसाने बहुत हुए है
तेरे मेरे मर्तबा
अफसाने बहुत हुए है
मेरे इश्क़ के किस्से
अब भी सुनते सुनाते है लोग
तेरे ना होने की वजह
नहीं जानते है लोग
बहाने हजार बना दिए
कहा मानते है लोग
फिर भी वहीं सवालात
दोहराते है लोग
माना तू चाहती है
मुझको उससे कम
मेरी चाहत को कहा
कम मानते है लोग
आज भी जब निकलता हूं
मोहल्ले से तेरे
तू साथ है मेरे
यही जानते है लोग
देव