कौन कहता है बस
जान देकर ही देश बचा सकते है
कुछ जान बचा लो
काफी है देश के लिए
नहीं मांगते है तुमसे
जागीर तुम्हारी
कुछ जल बचा लो
काफी है देश के लिए
रह लो ठंडक में तुम
एसी की हर पर चाहे
बिजली कुछ बचा लो
काफी है देश के लिए
मर जाते है किसान
लहू से जमीं को अपना
अन्न ना कचरे में जाए जरा
काफी है देश के लिए
जंग में खून नहीं चाहिए
ना सीमा पे भेजना है तुम्हे
हौसले सैनिक के बड़ाओ
काफी है देश के लिए
मिली है स्वतंत्रता बोलने की
तुम बोलो कुछ भी
राष्ट्र के नाम पर एक हो जाओ
काफी है देश के लिए
देव