खुदा खुद तेरी इबादत है करता,
और तू खुदा के, तसव्वुर में हैं बैठी,
तेरी इसी अदा पर तो कायल है सब
जाने कब से, अनजान हूं तुझसे
चंद लम्हे, दामन में गुजारे, है नाकाफी,
कुछ और वक़्त, खुदा ने दिया होता,
तस्वीर ही सही, कुछ तो है, पास मेरे,
जब तू नहीं होती, दीदार तेरा होता है
तन्हा, अब मैं कहा, और क्यूं रहूं,
बंद करते ही आंखे, पास तेरे होता हूं।।
देव