तेरे दीदार कर, पल में, फना हो जाएंगे

उफ्फ, बस अब कुछ और ना कहो,
बस, यू ही तुम मेरे सामने रहो,
जुल्फों को, ना समेटों जरा,
देख तो लूं, दिल भर के ज़रा,

दिल पल में, खो गया मेरा,
हुस्न नाकाबिले तारीफ है तेरा,
आंखो से झलकता, नूर तेरा
पलक में ले गया, इमान मेरा

लबों से अनकही सी कहती तू,
लब्ज़ मेरे, जबां बस दे दे तू,
निखर जाएगी, कविता मेरी,
इक बार, जरा जो का दे तू,

फिदा है, आशिक हजार, है चाहत तेरी,
तेरे झलक पर टिकी है, सांसे जिनकी,
ना हटा, जुल्फे चेहरे से, हुस्न पूरा ना झेल पाएंगे,
तेरे दीदार कर, पल में, फना हो जाएंगे।।

देव

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