मेरी ख्वाहिशें ज्यादा नहीं,
बस कुछ खुशियां, थोड़ी हंसी ढूंढ़ती हूं,
तेरी महफ़िल में, यूं ही नहीं आती,
मैं बस तेरे करीब, कुछ पल ढूंढ़ती हूं,
मानती हूं, तू है जादूगर,
हर मर्ज का इलाज, देता है,
पर मेरे दर्द को, पहचानेगा तू कैसे,
इश्क़ से तेरा वास्ता, बहुत दूर का है,
और, ये दिल है, जो थोड़ा कमिना भी है,
आ गया तुझ पर, माना यकीन नहीं है,
तेरे दामन में कुछ पल, रख लू सिर अपना
बस, दीदार का, बहाना ढूंढती हूं।।
देव