मौसम भी बड़ा, बेमानी हो गया

मौसम भी बड़ा, बेमानी हो गया,
हम तन्हा है, और ये रूमानी हो गया,

फितरतें लगती हैं, बेईमान क्यूं हमे,
क्यूं छोटा सा दिन, और ये लंबी रातें,
क्यूं दिल खाली, रूहानी यादें,
क्यूं कोई नहीं करीब, और शाम सुहानी दे गया,

चंद लम्हे, बस, चंद लम्हे दे दे साथ के,
वो, जो दूर है, नहीं पास में,
उसके कंधे पर रख कर सर,
सुस्ताने की, ख्वाहिशें दे गया,

मौसम भी बड़ा, बेमानी हो गया,
हम तन्हा है, और ये रूमानी हो गया,

देव

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