Random….Nov 2019

ख़ामोश, हां,
अब बस दिलो की आवाज है,
बिन बोले, सुन लेती हो सब,
इश्क़ का, ये भी इक अंदाज है

देव

क्या लिखे, इसी कश्मेकश दिन गुजार दिया उसने,
और वक़्त गुज़र गया, मेरा इंतेज़ार में।

देव

ढलते हुआ सूरज,
सवेरा सुबह का,
हुस्न बयां करता है,
हर लब्ज़ मेरा,
देव

बिंदास सी जीती हूं, हंसती हूं, खिलखिलाती हूं,
जिंदगी को बड़े प्यार से, गले लगाती हूं,

Dev

खुदा गर दे दे, इक ख्वाहिश, तो मांग लू तुझको,
तेरी नज़रों में, बसा जहां मेरा, नहीं पता तुझको,
यूं ही, तेरी तस्वीर देख कर, गुजारा करता हूं,
कहीं, छूने से, मैली ना हो जाए, बस, दीदार करता हूं।।

देव

बस, पहली ही तो मुलाक़ात थी,
पर क्यूं लगा, बरसों की पहचान थी,
और तेरा, हर बार, मुड कर यूं देखना,
क्या, खुदा की इसमें कोई चाल थी।।

देव

एक तो तू नहीं करीब, और मौसम बेईमान यहां,
बस यादें है तेरी, सोता हूं जिनके साथ सदा,
मानता हूं, मेरा प्यार, तुझे पाने की जिद नहीं,
पर इन सर्द रातो को, मुझसे मोहब्बत नहीं।।

देव

वक़्त काफी गुज़र गया,
जमाना हो गया मिले,
मिले जो यार,
शाम का लुत्फ,
अपनों का साथ,
बचपन की याद,
कुछ पल को, जवां हो गई।

Dev

[28/12/2019, 12:34 am] Dev… Devkedilkibaat.Com:

छिपा ले सच, या शख्स छिपा ले,
पर, बयां हाल ए दिल भी करती है।
देव
[28/12/2019, 12:34 am] Dev… Devkedilkibaat.Com:

अब कौन पड़ता है, कहा वक़्त है यारो,
दर्द से भागते है, और हसने से डरते है लोग यहां।।

देव
[30/12/2019, 12:15 am] Dev… Devkedilkibaat.Com:

कुछ वक़्त ही सही, चलो बच्चे बन जाएं,
कुछ पल ही सही, वही बचपन जी जाएं,
आओ, करे कुछ मस्ती, कुछ तमाशा,
आज फिर हम हंसे, खिलखिलाकर।

देव
[30/12/2019, 12:29 am] Dev… Devkedilkibaat.Com:

वो मेरे इश्क़ को जिस्मानी समझ, इतराते रह गए,
हम उसके इश्क़ में, खो खुद को, रूहानी हो गए।।

देव

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