पल दो पल तो गुजारो साथ,
कुछ कदम तो चलो तुम साथ,
जाने क्यूं, पल में गायब हो जाते हो,
हवा की तरह, गुज़र जाते हो,
मैं कहता हूं, ना यकीं करो यू ही,
कुछ तो विश्वास करो खुद पर,
काबिल तुम हो, ये जान लो एक बार,
जमाना बोलता है, कभी इस पार, कभी उस पार,
करवाते बदलते है लोग पल में,
जो कहते थे अपना, तोड़ते है सपने,
आशा, का फिर भी ना छोड़ो हाथ,
कुछ पल गुजारो, कुछ कदम चलो साथ।।
देव
बहुत ही सुंदर रचना