कोई तुझे चैन से सुलाए, तो वो खास है,

तेरी तस्वीर पर तारीफे तो बहुत मिल जाएगी,आंसू तेरे पोछने, कोई आए, वो खास है, चाहने वाले तो हजार होंगे जहां में,पास बैठ, सुने तुझे कोई, तो वों खास है, कमी तो यूं ही पल में गिना देते है लोग,कोई आए, सुधारे प्यार से, तो वो खास है, जिसे देखो, वो रिश्तों में हक जताने … Continue reading कोई तुझे चैन से सुलाए, तो वो खास है,

कुछ वक़्त, खुद के संग गुज़ार लू,

बहुत वक़्त हो गया,यू ही लोगो से मिलते,क्यूं ना अब कुछ सुस्ता लूं,कुछ वक़्त, खुद के संग गुज़ार लू, दिखावा, बातें बेकार की,आपा धापी संसार की,कुछ नौकरी की फिकर,कुछ बच्चो का असर,गुज़र जाता है दिन,यूं ही अक्सर,क्यूं ना दूर कुछ दिन चला जाऊं,कुछ वक़्त, खुद के संग गुज़ार लू, कभी पार्टी, कभी तन्हाई,कभी यारो के … Continue reading कुछ वक़्त, खुद के संग गुज़ार लू,

पलके झपकाएं और, तेरा चेहरा दिखता है

मेरे लबों पर, तेरा नाम रहता है,पलके झपकाएं और, तेरा चेहरा दिखता है तू जब होती नहीं, करीब मेरे,तेरी यादों के, गलियारों में, दिल ये फिरता है, पलके झपकाएं और, चेहरा तेरा दिखता है सब्र से करते है, इंतेज़ार तेरा,हर आहट पर, दीदार को दिल तरसता है, पलके झपकाएं और, चेहरा तेरा दिखता है देव

ख्याल ही काफी है, जो थकाएंगे

जरूरी नहीं कि काम किया जाए,ख्याल ही काफी है, जो थकाएंगे, दर्द चोट का तो, सह भी लेंगे यू ही,ज़ख्म दिल के भी, नासूर बन जाएंगे, घर से तो, निकल जाएंगे, पल में तेरे,जेहन में बसी यादों को, क्या मिटा पाओगे, उमर को ना दोष दो, इन सलवटों के लिए,शिकन लाजमी है, गर फिक्र में … Continue reading ख्याल ही काफी है, जो थकाएंगे

तेरे सामने नहीं, अब मैं आता हूं

तेरी तारीफ में, में अब नहीं लिखता,ऐसा नहीं, की में तुझ पसंद नहीं करता,बस डरता हूं, जमाने से,बेकार की कहानियों से,जो पल में रिश्ते बनती, और बिगाड़ती है,किसी तो राजा, किसी को रंक, पल में बनाती है, तेरी आबरू है, कहीं बड़ी, मोहब्बत से मेरी,कैसे कर सकता हूं, रुसवा, मैं, ख्वाहिशें तेरी, माना, इश्क़ तुझको … Continue reading तेरे सामने नहीं, अब मैं आता हूं

पापा

आज भी, जब परेशां होती हूं,तो आपके पास होती हूं,और तुम्हारी हल्की सी हसीं,मुझे विश्वास देती है, याद है, बचपन में कैसे,जब मैं किसी बात पर रोटी थी,तुम प्यार से सिर पर हाथ फेर,मुझे गले लगाते थे,और प्यार से मेरे माथे को चूम,कहते थे, मैं हूं ना,और आज भी, जब मैं,विचलित होती हूं, तो कहती … Continue reading पापा

हमने भी कर ली नौटंकी

देख कर दुनिया रंग बिरंगी,हमने भी कर ली नौटंकी, वो देखो, लोगो का मेला,जरा सा मसला, हुजूम हजारों का,बातें अपनी किस्से अपने,सबने है इक कहानी बनाई,जिन्हे वक़्त नहीं पल भर का,बीच रोड कर रहा नौटंकी, दुख है जिनके, अपने गए जबआस पड़ोस झट मिलने गए तब,रिस्तेदारो की जब अाई बारी,नए कपड़ों में, बैठक है लगाई,मौत … Continue reading हमने भी कर ली नौटंकी

क्या मेरा अस्तित्व बस इतना है

बैठ कर सोचता हूं,क्या मेरा अस्तित्व बस इतना है किकिसी की ख्वाहिशें,किसी की जरूरतें,किसी की सहायता,किसी का फायदा,बस, इसी न मेरीजिंदगी गुज़र जाएगी,मेरे लिए जीने की बारी,मेरी कब आएगी, लाइफ ने मुझे भी तो,वक़्त उतना ही दिया है,और जीने के मकसद,अनगिनत,हर मोड़ पर, सोचता हूं,किस ओर चलना है,जहां जा रहा हूं,वही है मंजिल मेरी,या मंजिलों … Continue reading क्या मेरा अस्तित्व बस इतना है

नया साल

कुछ पल का बचपना,कुछ पल की हंसी,कुछ मीठी मीठी सी यादें,कुछ बातें, खट्टी मीठी, थोड़ा हसीं मजाक,थोड़ी सी नोक झोक,थोड़ा सा इतराना,थोड़ा सा शर्माना, कभी इंतेज़ार,कभी चुपचाप होता प्यार,कभी तिरछी नजरो से देखना,कभी, मोबाइल में, फोटो टटोलना, सब कुछ ही तो था,जो बीत गया,पिछला साल, ना जानेकितने हसीन यादें दे गया, अब नया साल आया … Continue reading नया साल

लिखता हूं, फिर मिटा देता हूं

लिखता हूं, फिर मिटा देता हूं,लिखता हूं, फिर मिटा देता हूं,चाह कर भी उसे,विश नहीं कर सकता हूं, कुछ द्वंद सा मचा है,कुछ संकोच भी है,कहीं मेरे लिखने का,असर है, या नहीं है, बस, खुद ही पढ़,मिटा देता हूं,चाह कर भी उसे,विश नहीं कर सकता हूं, वो दिखती भी है ऑनलाइन,पर लिखती नहीं, कुछहां, जवाब … Continue reading लिखता हूं, फिर मिटा देता हूं

Encourage

चिताओ ने रखा था जकड़े,सोच को मेरी, हकीकत से,कहीं से, आ रही थी आवाज,मेरे कानो में, जीने की, रोक भी तो क्या रोकेंगे,ये शोले, बीती रातों के,सूरज नया खिल रहा है,कौन रोकेगा, अंगारों से।। देव

दिल दे देगा, वो अजनबी

सोचा ना था, मैंने कभीदिल दे देगा, वो अजनबी,जिसका कभी, ना था इंतेज़ारहो जाएगा, उससे प्यार, सोचा ना था…. सपनों आके, कहता है मुझसेए मेरी रानी, लग जा गले,ढूंढा है तुझको, हर गली में,मिल जाएगी तू, मेरी गली में, अब ना करा, जरा इंतेज़ारहो गया है, तुझसे प्यारसोचा ना था…. जब से मैं उससे, मिलने … Continue reading दिल दे देगा, वो अजनबी

हां, तू हुस्न की मलिका है,

लोग कहते है, मैं तेरी,खूबसूरती पर फिदा हूं,तेरे हुस्न का कायल हूं, हां, तू हुस्न की मलिका है,पर मैं कहां, तू कहा है,देखा तो कई बार, तस्वीर में तुझे,खूबसूरत है तू,पर काफी नहीं, ये मेरे लिए,पर, प्यार तब हुआ,जब मिला, तेरे दिल से,कहीं ज्यादा, जो खूबसूरत है, तुझसे,तेरी मासूमियत, तेरा अंदाज़,तेरी आवाज़, तेरा मुझको तकना,तेरा … Continue reading हां, तू हुस्न की मलिका है,

थोड़ी से हंसी, काफी है, तेरी

थोड़ी से हंसी, काफी है, तेरीगम हजार, भूल जाने को,तेरी मुस्कुराहट काफी है,खुद को भूल जाने को, कौन कहता है, पीते है हम,ये तो बस, थोड़ा सा जीते है हम,तू, नहीं होती है जब करीब मेरे,दो जाम लगा, तुझसे मिलते है हम, और, दोस्त ने कहा था,नशा तो शराब में ही होता है,ये साबित कर … Continue reading थोड़ी से हंसी, काफी है, तेरी

मेरी ख्वाहिशें ज्यादा नहीं

मेरी ख्वाहिशें ज्यादा नहीं,बस कुछ खुशियां, थोड़ी हंसी ढूंढ़ती हूं,तेरी महफ़िल में, यूं ही नहीं आती,मैं बस तेरे करीब, कुछ पल ढूंढ़ती हूं, मानती हूं, तू है जादूगर,हर मर्ज का इलाज, देता है,पर मेरे दर्द को, पहचानेगा तू कैसे,इश्क़ से तेरा वास्ता, बहुत दूर का है, और, ये दिल है, जो थोड़ा कमिना भी है,आ … Continue reading मेरी ख्वाहिशें ज्यादा नहीं

कब तक, यूं ही, अकेले बेपरवाह, बेकार चलते रहोगे

फिर पता लगाओ, अपनों के साथ,कुछ तो वक़्त बिताओ,खुद पर कुछ तो ध्यान दो,खुद को, थोड़ा सम्मान दो, जिन्होंने है पाला, थोड़ा वक़्त उन्हें भी दो,जिनको है पालना, कुछ बातें उनके साथ करो,थोड़ा यारो से बात करो,कुछ दूर प्यार के साथ चलो,थोड़ा इश्क़ करो, कब तक, यू तन्हा रहोगे,कब तक, मोहब्बत से भागते रहोगे,कब तक, … Continue reading कब तक, यूं ही, अकेले बेपरवाह, बेकार चलते रहोगे

किसी की नजर पर प्यार आता है,

नजर ही नजर से बचा के रखोगे,नजर को नजर से, मिला कैसे दोगे।। ये नज़रे ही तो है, जो इश्क़ का रोग, लगती है,ये नज़रे ही तो है, जो इश्क़ में गुनाह करवाती है, नजर ही तो उन्हें, मुझसे दूर ले जाती है,नज़रे ही हमे, उनके और करीब लाती है, माना, नजरो से, दीदार एक … Continue reading किसी की नजर पर प्यार आता है,

तेरी आंखो में छिपा, एक अफसाना है

पीना तो बस बहाना है,तेरी आंखो में छिपा, एक अफसाना है,थोड़ा कल, जो तू छिपाना चाहती है,चाह कर भी, नहीं तू बताना चाहती है,ठेस, तो दिल को लगी थी, कभी तेरे,नहीं, किसी और को, बता, तू रुकना चाहती है, और ये भी बयां होता है, तेरी आंखो से,तू निकल गई है, काफी आगे, यूं अफसानों … Continue reading तेरी आंखो में छिपा, एक अफसाना है

मैं बस उसके इश्क़ में, खोना चाहता हूं।।

सुना था, गर तुम शिद्दत से किसी को चाहो,तो पूरी कायेनात, उसे तुमसे मिलाने में, जुट जाती है, आज देखा भी है मैंने, काएनात को,तुझे बुलाते हुए,मेरी जमीं पर, तुझे आते हुए, बस, एक दीदार भर की ख्वाहिश थी मेरी,खुदाया मिल गया, उसके रूप का, खजाना मुझे, मैं जानता नहीं, कि वो जानती है या … Continue reading मैं बस उसके इश्क़ में, खोना चाहता हूं।।