जाने कब से थी, मंजिल की तलाश,
नहीं पता था, वो है इतनी पास,
मगर, पास होकर भी, है कितनी दूर,
इश्क़ में मुझे भी, मीलो चलना है मंजूर,
बात, बस पाने की नहीं है,
सजा रखे है, ख्वाब उसने भी,
कसौटी पर उसके, खरा उतरे,
अपनाए मुझे, वो भी जरूरी है,
यूं तो इल्ज़ाम, मुझ पर,
लगा दिए है, जमाने ने हजार,
मगर, जिस प्यार में किस्से,
ना बन जाए, ना याद रह पाए,
वो प्रेम कहानी अधूरी है।।
देव