सपनों का, जहां वो रखती है

खुश तो है, दिखाने को,
फिक्र को छिपा रखती है,
उसकी अंगुलियों अक्सर,
आपस में खेलती रहती है,

जज्बातों को अपने काबू कर,
दुनिया से मुलाक़ात करती है,
अक्सर अपने जेहन में,
सपनों का, जहां वो रखती है

देव

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