तुम तो चले गए, और मुझे दे गए,
अपनी यादों का पिटारा,
बस रोज खोलती हूं,
हर याद को, टटोलती हूं,
और फिर सजा के रखती हू,
आज भी, मैं तुझे याद करती हूं,
वक़्त तो गुजारा, ज्यादा नहीं साथ,
जो मिला, उसमे भी थी कोई बात,
टिकाए सिर अपना, तेरे कंधे पर,
तेरी बातों खोयी रही थी पूरी रात,
मैं अब भी, रातों में जागा करती हूं,
आज भी, मैं तुझे याद करती हूं,
मेरे माथे को, तेरा वो प्यार से चूमना,
तेरे हाथो में डाल हाथ अपना,
यूं ही राहों में घूमना,
खाने का बेसब्र इंतेज़ार करना,
अपने हाथो से, कौर देना,
अब भी, थाली मैं दो ही रखती हू,
आज भी, मैं तुझे याद करती हूं,
तुम तो चले गयें, कहीं दूर,
मैं अब भी वही रुकी हूं,
आज भी, मैं तुझे याद करती हूं।।
देव