इजहार नहीं कर पाती हूं।।

हर कुछ पल में नजर बचा कर,
नजर फोन पर ले जाती हूं,
आया होगा, कुछ संदेश यार का,
यही सोच इठलाती हूं,

सुनने को आवाज है उसकी,
पल पल में तरसाती है,
उसके गाने की धुन पर,
थिरक थिरक मैं जाती हूं,

फिर भी जाने क्यूं,
शरम है बिखरी,
नहीं बोल मैं पाती हूं,
करती हूं, मैं प्यार तो उससे,
इजहार नहीं कर पाती हूं।।

देव

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