वक़्त ठहर क्यूं नहीं गया,
जब मैं तेरे पास था,
तेरी नज़रे, पलको में छिपी थी,
हाथो में मेरे, तेरा हाथ था,
मैं खोया था तुझमें, और
तेरे ख्यालों में कहीं मेरा नाम था,
मैंने देखा तब, तुझे गौर से,
तेरा कुछ अलग अंदाज था,
अब भी जब तू चली गई है,
दूर नहीं, तू यही कहीं है,
बसी है सूरत, तेरी मुझमें,
पलक झपकने की दूरी है।।
देव