बाल गोपाल, खेले नंदलाला,
बांसुरी की धुन पर, नाचे बाल राधा,
भूल के जग की, सारी परिभाषा,
देखो, बोले बस ये, प्रेम की भाषा।।
देव
बाल गोपाल, खेले नंदलाला,
बांसुरी की धुन पर, नाचे बाल राधा,
भूल के जग की, सारी परिभाषा,
देखो, बोले बस ये, प्रेम की भाषा।।
देव