माना तुझसे मैंने,
मोहब्बत की है,
ऐसी कौनसी मैंने,
गलती की है,
तेरी अदा, तेरे अंदाज़,
पर हूं मैं फिदा,
तुझसे, बस तेरी,
मोहब्बत की ही,
सिफारिश की है,
माना, है ख्वाब तेरे,
तेरी ये जिंदगानी है,
तुझे चाहने वालो की,
बहुत कहानी है,
ये दिल तुझ पर आ गया,
क्या कसूर मेरा,
तुझसे चाहता हूं बस,
मैं, दिल ये तेरा,
माना, मैंने भी ठोकरें,
जहां की खाई है,
तभी मुझको, समझ,
अब जाकर ये आईं है,
तू भी वक़्त है सम्हाल जा,
जरा इश्क कर ले,
नहीं मिलती, हर बार,
बेवफ़ाई है,
माना, खुदा तेरा
मेरे खुदा से है खूबसूरत,
तेरी हर सांस में है,
छुपी उसकी इबादत,
मगर मेरा खुदा, खुद
इश्क ही सिखाता है,
मोहब्बत मेरी, उसकी ही,
इक इबादत है।
देव