किसी के लिए तन्हाई है,
किसी का एंकात कहलाता है,
घरों में बंद है लेकिन,
दिल कहा टिक पाता है।
कोई रुसवाई पीता है,
कोई खुशहाल जीता है,
घरों में बंद है लेकिन,
जमाना पूरा दिखता है।
कोई मगरूर है यहां पर,
कोई महशूल है यहां पर,
घरों में बंद है लेकिन,
वक़्त कम क्यूं पड़ता है।
देव