Every one has some story of childhood, same here, sharing few, one about my study, I had to study either in street or in a vacate horror house…
वो जाड़े की रातें,
होंठ कंपकपाते,
सूना मोहल्ला,
पेड़ों की बातें,
चबूतरे पर,
बिछा कर पलंग,
रजाईयो में खुद को,
घुसा, बन कर दबंग,
किताबों का पड़ना,
एक जज्बे का होना,
नहीं कोई और,
मकसद का होना,
काबिल मुझे,
बनना है एक दिन
मुझको भी कुछ कर
गुजरना है एक दिन,
मेरे घर में नहीं था,
कोई कोना ऐसा,
मगर जुनून पढ़ने का
था है कुछ ऐसा,
अंधेरे से लगता था,
डर काफी मुझको,
मगर एक खाली,
घर मिला था तब मुझको,
कहते थे भूतो का,
डेरा वहां पर,
नहीं जाता था कोई,
रातो में वहां पर,
डर था बड़ा, पर
जुनून भी बड़ा था,
उसी कोठरी में,
कई रातें पढ़ा था,
अब भी याद करता हूं अक्सर,
वो सुनसान राते, वो वीरान घर।।
देव
12 may 2020