मंजिल बस एक वो है

हजार राहें तेरी,
मंजिल बस एक वो है,
तेरी नज्मों में, लब्ज़ हजार,
नाम बस एक वो हैं,
जिसका नाम ना तू
लेता है, मगर,
दास्तान, हर ग़ज़ल में,
उसकी कहता है।।

देव

28 may 2020

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