यूं तो लोग प्यार करने वालो को,
दीवाना कहते है, मगर,
इस दीवानगी का भी,
कुछ और ही लुत्फ है,
मगरुर इश्क़ के, हां के
इंतेज़ार में, गुजरते लम्हों में,
कुछ और ही सुकून है।।
कभी घंटो, किसी ना किसी,
आस पास उसके गुजारना,
जब वो नहीं हूं, एक टक,
बैठे मोबाइल की स्क्रीन को घूरना,
व्हाटस अप में कोई मेसेज भेजना,
और फिर टक टकी लगा कर,
ऑनलाइन आने का घंटो इंतेज़ार,
जवाब आया या नहीं, मालूम
करने की लिए, उठाना मोबाइल,
सोने से पहले, हर बार।
मन भी तो, बड़ा पेचीदा है,
ना नहीं समझता है, हर हाल में,
बस यही उम्मीद करता है,
इंतेज़ार कर, कुछ झिझक होगी,
आज नहीं तो कल,
उसे तुमसे प्यार होना है,
बस, यू ही भटकता रहता है,
आस पास उसके, ये दिल
जब वो नहीं कहती कुछ,
सुनने को उसे, मचलता है ये दिल।
क्या करे,
यूं तो लोग प्यार करने वालो को,
दीवाना कहते है, मगर,
इस दीवानगी का भी,
कुछ और ही लुत्फ है,
मगरुर इश्क़ के, हां के
इंतेज़ार में, गुजरते लम्हों में,
कुछ और ही सुकून है।।
देव
29 may 2020