अंतराल कहीं बेहतर है,
पूर्ण विराम से,
इसीलिए, मैं चलते हुए किस्सों को,
अंतराल दे देता हूं,
अक्सर क्रमशः लिख देता हूं।
कुछ रिश्ते, बहुत खास होते है,
उनसे जुड़े, जज्बात होते है,
कभी कभी, उन रिश्तों में,
खटास आती है, तो वक़्त देता हूं,
अक्सर, क्रमशः लिख देता हूं।
जिंदगी भाग रही है, बेसब्र सी,
कुछ खास लम्हे, छोड़ती बदहवास सी,
यूं लम्हों को फिर से पकड़ने को,
जिंदगी को अर्ध विराम देता हूं,
अक्सर, क्रमशः लिख देता हूं।।
अंतराल कहीं बेहतर है,
पूर्ण विराम से,
इसीलिए, मैं चलते हुए किस्सों को,
अंतराल दे देता हूं,
अक्सर क्रमशः लिख देता हूं।
देव
11 june 2020