अफसाने और भी है,
बहाने और भी है,
ये दिल है नादान,
इसमें तराने और भी है।
कहा मानता है,
कहां सुनता है,
तारीफों का पुलंदा है,
शामें और भी है,
वो करीब नहीं,
और करीब भी है,
अभी वक़्त का तकाजा है,
बाकी अभी बातें और भी है।
देव
10 june 2020
अफसाने और भी है,
बहाने और भी है,
ये दिल है नादान,
इसमें तराने और भी है।
कहा मानता है,
कहां सुनता है,
तारीफों का पुलंदा है,
शामें और भी है,
वो करीब नहीं,
और करीब भी है,
अभी वक़्त का तकाजा है,
बाकी अभी बातें और भी है।
देव
10 june 2020