कुछ अनसुलझे से किस्से

कुछ अनसुलझे से किस्से,
कुछ अनकही बाते,
कुछ अनजान रिश्ते,
बचे है तेरे मेरे बीच,

थोड़ा वक़्त निकाल लो,
जरा पास बैठो तो कभी,
माना, हो दूर बहुत,
थोड़ी बातें तो कर लो कभी,

कभी याद भी कर लिया करो,
कभी, कुछ और भी पूछा करो,
अच्छा हूं, तो सब जानते हो,
क्या सोच रहे हो, पूछ लिया करो,

अभी है वक़्त, थाम लो,
फिर गुज़र जाएगा,
जो आज है, क्या पता,
कल ना वो रह पाएगा,

इसीलिए,
थोड़ा वक़्त निकाल लो,
जरा पास बैठो तो कभी,
माना, हो दूर बहुत,
थोड़ी बातें तो कर लो कभी।

देव

28 जून 2020

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