इंतेज़ार है कबसे

कब तलक, यूं ही, बैठी रहेगी चुप सी,
कब तलक, ख्यालों में, रहेगी गुम सी,
कब तलक, दिल को, थामे रहेगी,
कब तलक, मोहब्बत से, रखेगी दूरी।

कोई तो है, जो तकता है तुझे,
हद से ज्यादा, वो चाहता है तुझे,
इश्क़ में तेरे, जो खोया है कबसे,
इक नज़र देख ले, इंतेज़ार है कबसे।।

देव

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