तेरी मुस्कुराहट बता रही है,

कुछ तो बात है, तेरी
मुस्कुराहट बता रही है,
ये फूल है, या तेरी
भिनी भिनि खुशबू,
जो उपवन को,
महका रही है, लगता है,
गुल ने भी तेरे लबों से,
लिया है कुछ रंग उधार,
तभी तो इतना, इतरा रहा है,
यूं ही नहीं, घुमा कर चेहरा अपना,
एक दीदार के लिए,
सबको यू तड़पा रहा है,
तेरी नज़रों का, कुछ तो असर है,
यूं ही नहीं पल में, लब्जो का,
ये सिलसिला,
यू ही, चले जा रहा है।।

देव

09 August 2020

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