मुस्कुरा कर, बड़ी आसानी से,
कह गई वो हाल ए दिल,
और हतप्रभ सा खड़ा,
देखता, मैं रह गया।
यूं तो बातें जमाने, भर की,
करी तसल्ली से उससे,
बस उसकी, तारीफ में,
लब्ज़ ढूंढता मैं रह गया।।
वक़्त, कहां कम रहा,
मेरे खाते में कभी,
उसके करीब कुछ पल में,
दिन पूरा, गुज़र गया।।
कई किस्से, कहानियां,
लिखी है मेरी किताबों में,
हर किरदार को भुला,
बस तेरा नाम, लिखता गया।।
देव
10 August 2020