आज फिर उसने पलट कर देखा
मेरे जज़्बात को उलट कर देखा
नज़रों में ही हाले दिल बयां कर गई
मंजिल कुछ कदम और करीब आ गई
कोशिशों को मेरे एक मुकाम मिला
बेकार दिल को मेरे एक काम मिला
नींद कब की रुसवा बैठी थी मुझसे
सपने सजने का, कारोबार मिला
देव
आज फिर उसने पलट कर देखा
मेरे जज़्बात को उलट कर देखा
नज़रों में ही हाले दिल बयां कर गई
मंजिल कुछ कदम और करीब आ गई
कोशिशों को मेरे एक मुकाम मिला
बेकार दिल को मेरे एक काम मिला
नींद कब की रुसवा बैठी थी मुझसे
सपने सजने का, कारोबार मिला
देव