मोहब्बत का रंग है, बालों में उतर आया है

रंगो पर देखो, रंगीनी छाई है,
तितली ने, जुल्फों में, तितली सजाई है,

जितनी चंचल है, उतना ही हुस्न आया है,
चांद खुद जमीं पर उतर आया है,

कौन कहता है, तूने बालों में रंग लगाया है,
मोहब्बत का रंग है, बालों में उतर आया है।।

देव

Leave a Reply